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हमेशा देश-सेवा और जनसेवा की भावनाओं के वशीभूत होकर कार्य किया है। विभिन्न संस्थाओं और सरकारी बोर्डों, समितियों में रहकर भी जनहित के कामों पर ध्यान दिया है। हरकदम पर पाया है कि भ्रष्टाचार इस देश को भीतर ही भीतर खोखला करता जा रहा है। स्वार्थ के सामने राष्ट्रहित गौण होता जा रहा है। इस टसि को लेकर कलम की ताकत की कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में सन 2003 में कलम कला पाक्षिक अखबार का प्रकाशन आरम्भ किया, जो अनवरत चल रहा है। अब ब्लॉगिंग के जरिए देश भर के नेक और ईमानदार लोगों की टीम बनाकर भ्रष्टाचार मिटाना चाहती हूं।

Thursday, March 8, 2012

लविंग जेहाद


लविंग जेहाद


अभी हाल ही में मेरठ शहर में लविंग जेहाद चलाने वाले मुस्लिम गुंडों का एक गिरोह पकड़ा गया है. पकड़ा भी इस लिए गया क्योकि इस बार जिस लड़की को उन्होंने अपनी वासना का शिकार बनाया वो एक सांसद की पोती थी .अगर आम परिवार से होती तो ये केस कभी नहीं खुल पाता. मेरठ की पुलिस व एल आई यु ने भी इसे स्पष्ट रूप से लविंग जेहाद का विषय माना है.आज मई यहाँ लविंग जेहाद के बारे में कुछ बाते स्पष्ट कर रहा हूँ ये सभी बाते मैंने ऑरकुट से ली है. आशा करता हूँ की इन सभी बातों को आप सभी हर हिन्दू तक पहुचने की कोशिस करेंगे .

लविंग जेहाद क्यों?
आर्य भूमि से इस्लामिक सेनाए जिंदा वापस नहीं जाती थी ,इसलिए 
भारत में इस्लामी सेनाए हमला करने को तैयार ना होती थी ,उस वक्त भारत के मंदिरों के धन से ज्यादा भारत की औरतो का लालच दे कर जेहादी नेता अपनी सेनाओ को मना पाते थे भारत पर हमला करने के लिए | “औरतो की लूट” नामक एक किताब तक लिखी जा चुकी हैं जिसमेमुसलमानों द्वारा हिंदू स्त्रियों को लूट के सामान की तरह ले जाने के लिए ह्रदय कम्पित देने वाले आकडे है | समय बदल गया हैं , आज औरतो को मुस्लमान एक गैर इस्लामिक देश में ऐसे ही उठा के नहीं ले जा सकते बंगलादेश या पाकिस्तान की बात अलग हैं किन्तु भारत में और यूरोप में इन्होनेइस्लाम को बढ़ाने के अलग तरीके अपना रखे हैं और इन तरीकों में सबसे खतरनाक तरीका है गैर मुस्लमान औरतो से बच्चे पैदा कर के इस्लाम को बढ़ाने का |मुसलमानों के आबादी बढाने व हिन्दू संस्कृति के नष्ट करने के इसी तरीके को लव जेहाद कहा गया है.
लव जेहाद क्यों और कैसे?
१.मुस्लिम लडको को मौलवियो व अन्य इस्लामिक संगठन द्वारा हिंदू लडकियो को फ़साने को ना केवल प्रोत्साहित किया जाता हैं अपितु इनाम के तौर पर या कहे घर बसाने के नाम पर बड़ी रकम भी रखी जाती हैं | ये रकम जेहाद के नाम पर , जकात के नाम पर , जिज्या के नाम या आपके द्वारा पेट्रोल पर दी हुई रकम से ली जाती हैं |
२. कम से कम ४-५ लड़के (ज्यादा भी हो सकते हैं ) अपास में मिल के हिंदू लडकियो को चुनते हैं |
३. ये लड़के गर्ल्स कालेज के बाहर , कंप्यूटर संसथान के बाहर या अंदर , या कोचिंग संस्थानों के आसपास घुमते रहते हैं | कभी लेडिस टेलर की दुकान पर तो कभी इन्टरनेट पर सोसिअल नेटवर्क से लेकर याहू चैट रूम तक हर वो जगह जहा इन्हें हिंदू लड़किया मिल सकती हैं ,ghat लगाये रहते हैं |
४. ज्यादातर मौको पर ये लड़के खुद को हिंदू ही दिखाने का प्रयास करते हैं | अच्छा मोबाइल सेट, कपडे , वा मोटर साइकिल आकर्षण के तौर पर इनका हथियार होते हैं |
५. दक्षिण भारत में तो मुल्ला मौलवी इन लडको के लिए पर्सोनालिटी डेवेलोप्मेंट कोर्से चलवा देते हैं | किस तरह बात की जाए लडकियो से , उन्हें कैसे तोहफे दिए जाए और किस प्रकार सेकुलर बन कर उनसे सिर्फ प्यार मोहब्बत की बात कर के खूबसूरत सपने दिखाए जाए |
६. फिल्म उद्योग में बढते खान मेनिया से ये अब और भी सरल हो गया हैं | ज्यादातर हीरो खान होते हैं ऐसी मानसिकता लड़कियों में तेजी से बढ़ रही हैं जो की समाज के लिए बहुत की घातक हैं |
७.अगर हिंदू लड़की निश्चित समय में नहीं फसती तो लव जेहादी अपने किसी दूसरे मित्र को उसके पीछे लगा देता हैं और खुद किसी और के पीछे लग जाता हैं | इसे लड़की फॉरवर्ड करना कहते हैं |
८. जल्द ही ये लड़के भोली भाली हिंदू लडकियो को अपने प्यार के जाल में फसा लेते हैं | उनमे से कई तो शारीरिक सम्बन्ध भी स्थापित कर लेते हैं |
९.एक बार लड़की से सम्बन्ध स्थापित हो गए तो लड़की को घर से भागने के लिए मनाने में इन्हें देर नहीं लगती |
१०
इस्लामी तरीके से शादी के नाम पर मुस्लिम लड़का, लड़की को शादी से पहले इस्लाम कुबूल करने पर मजबूर कर लेता हैं .
११. लड़की को भगा के इस्लामिक शादी कर ले जाने के बाद लड़की के साथ निम्न में से एक घटना होती हैं क ) लड़का लड़की का पूरी तरह भोग कर के उसके शहर से चार पाच सौ किलोमीटर दूर बेच देता हैं
,यानि लड़की को वैश्या व्रती के दल दल में डाल देता हैं |
ख ) लड़की को पता चलता हैं के लड़का पहले से ही २-३ शादिया करे बैठा हैं | और उसे भी नकाब में बंद एक कमरा मिलता हैं |
घ ) लड़की की किस्मत अच्छी होती हैं और वो उसकी पहली बीवी ही निकलती हैं | इस पारिस्थि में लड़की नकाब में तो कैद होती हैं पर उसे अपने २-३ सौतनो का इन्तेज़ार करना पड़ता है | और लड़के की गुलाम बन कर रह जाती हैं क्यों की वो इस्लाम कुबूल कर चुकी होती हैं और इस्लाम में औरत को तलाक का कोई अधिकार नहीं होता |
लव जेहाद के नुकसान

१. एक हिंदू लड़की के मुसलमान बन्ने से कम से कम ८ हिन्दुओ की हानि होती हैं |
२. जो लड़की मुसलमान बनती हैं वह एक , जिसके साथ भागती हैं उसके लिए कम से कम ४ बच्चे पैदा करती हैं , अगर वहा लड़की ना भागती और किसी हिंदू के साथ शादी करती और वहा समझदार होता तो कम से कम ३ बच्चे पैदा करता इस प्रकार १+४+३=८ हिन्दुओ का नुकसान होता हैं |
३. अब जरा अनुमान लगाइए के ८ हिंदू अगले पच्चीस साल में ३ बच्चे भी पैदा करते तो २४ और वो अगले पच्चीस साल में ७२ इस प्रकार सौ साल में ४३२ हिन्दुओ का नुकसान होता है सिर्फ एक हिंदू लड़की के जाने से |
४. वही एक मुस्लमान एक हिंदू लड़की से ४ बच्चे पैदा करता हैं वो ४ अगले पचीस साल में १६ बच्चे पैदा करते हैं वो १६ अगले पचीस साल में ६४ बच्चे पैदा करते हैं इस प्रकार ५१२ मुसलमानों की वृधि होती हैं |
५. अब जोडीये जरा ४३२ + ५१२ = ९४४ हिन्दुओ का नुकसान सौ साल में बिना किसी तलवार के जोर के .
६. इन्टरनेट पर उपलब्ध आकडो के अनुसार हर साल १ लाख से ऊपर हिंदू लड़किया मुस्लिम लडको के साथ निकाह कर रही हैं तो अब जरा गुना करिये ९४४ * १००००० = ९४४००००० यानि
अगले सौ सालो में नौ करोड़ चौवालीस लाख का अंतर बैठेगा | ये आकड़ा बड़ा जरुर लगता होगा पर इसमें मृत्यु दर, नापुसकता दर , वा अन्य घटी भी लगा ले तो भी ये अकडा करोड़ों में ही रहेगा |
७. आने वाले समय में हिन्दुओ का सुपडा साफ़ हो जाएगा | लड़किया दोनों समुदायों में कम हैं पर हिंदू आबादी पर हो रहे इस विशेष तकनिकी हमले की वजह से हिंदू वृधि दर को नकारात्मक में जाने में देर नहीं लगेगी |
८. जो हिंदू ८०० सालो की जबरदस्त मार काट के बावजूद ८० करोड़ बचा हुआ था वो मात्र लव जेहाद से अगले सौ सालो में लुप्त होने की कगार पर पहुच जाएगा |
लव जेहाद से बचाव
J
१.लड़कियों को बचपन से ही वैदिक धर्म के मूलभूत सिद्धांत और इस्लाम की कार्य निति समझा दीजिए | ये कार्य आप अपने बच्चो को खाने के टेबल पर भी सिखा सकते हैं | बच्चो को बाल सत्यार्थ प्रकाश और किशोरों को सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने को अवश्य दे |
२.किसी भी प्रकार से किसी भी मुस्लिम को घर के अंदर मत घुसने दे |
३.अगर कोई मुस्लिम लड़का आपकी लड़की के आसपास फटक रहा हैं तो फ़ौरन कारवाही करिये | यदि खुद आप समर्थ नहीं हैं तो सर्वप्रथम अपने क्षेत्र के लोगो की ,उसके बाद विश्व हिंदू परिषद ,हिन्दू महासभा, राष्ट्रीय स्वं सेवक संघ , आर्य समाज , या अन्य किसी भी हिंदू संगठन की मदद ले |
४.पुलिस से भी सहायता लेने में भी ना चुके | ६.अंतर जातीय शादी को मान्यता दे | ये देखे के लड़के का चरित्र कैसा हैं और वो करता क्या हैं ना की उसका उपनाम | किसी भी जाती का हिंदू एक मुसलमान से हज़ार गुना अच्छा हैं क्यों की उसके पूर्वजो ने अपना शौर्य दिखा के अपने धर्मं को नहीं छोड़ा |
७.दहेज ना ले, ना दे |

९.मुस्लिम लड़का हिंदू होने को भी तैयार हो सकता हैं | पर अक्सर ऐसे मामलो पर भरोसा ना करे | इस्लाम में काफिरो यानि गैर मुसलमानों से झूठ बोलना जायज हैं इसे तकिया कहा जाता हैं | लड़का सिर्फ लड़की फ़साने के लिए ऐसा नाटक कर सकता हैं इसलिए जोखिम मत उठाये |
११. अगर लड़की कहीं चली भी गई हैं तो उसे वापस लाने में संकोच ना करे | इसमें कोई शर्म की बात नही बल्कि लड़की को वापस लाने से आप अपनी गलती सुधारेंगे | हिंदू संगठनो के माध्यम से आपको ऐसे बहुत से राष्ट्र भक्त युवा मिल जाएँगे जो उन लडकियो को स्वीकार करने को तैयार हो जाएँ

सम्राट विक्रमादित्य का साम्राज्य अरब तक था


सम्राट विक्रमादित्य का साम्राज्य अरब तक था.

शकों को भारत से खदेड़ने के बाद सम्राट विक्रमादित्य ने पुरे भारतवर्ष में ही नही , बल्कि लगभग पूरे विश्व को जीत कर हिंदू संस्कृति का प्रचार पूरे विश्व में किया। सम्राट के साम्राज्य में कभी सूर्य अस्त नही होता था। सम्राट विक्रमादित्य ने अरबों पर शासन किया था, इसका प्रमाण स्वं अरबी काव्य में है । "सैरुअल ओकुल" नमक एक अरबी काव्य , जिसके लेखक "जिरहम विन्तोई" नमक एक अरबी कवि है। उन्होंने लिखा है,-------
"वे अत्यन्त भाग्यशाली लोग है, जो सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल में जन्मे। अपनी प्रजा के कल्याण में रत वह एक कर्ताव्यनिष्ट , दयालु, एवं सचरित्र राजा था।"
"किंतु उस समय खुदा को भूले हुए हम अरब इंद्रिय विषय -वासनाओं में डूबे हुए थे । हम लोगो में षड़यंत्र और अत्याचार प्रचलित था। हमारे देश को अज्ञान के अन्धकार ने ग्रसित कर रखा था। सारा देश ऐसे घोर अंधकार से आच्छादित था जैसा की अमावस्या की रात्रि को होता है। किंतु शिक्षा का वर्तमान उषाकाल एवं सुखद सूर्य प्रकाश उस सचरित्र सम्राट विक्रम की कृपालुता का परिणाम है। यद्यपि हम विदेशी ही थे,फ़िर भी वह हमारे प्रति उपेछा न बरतपाया। जिसने हमे अपनी द्रष्टि से ओझल नही किया"। "उसने अपना पवित्र धर्म हम लोगो में फैलाया। उसने अपने देश से विद्वान् लोग भेजे,जिनकी प्रतिभा सूर्य के प्रकाश के समान हमारे देश में चमकी । वे विद्वान और दूर द्रष्टा लोग ,जिनकी दयालुता व कृपा से हम एक बार फ़िर खुदा के अस्तित्व को अनुभव करने लगे। उसके पवित्र अस्तित्व से परिचित किए गए,और सत्य के मार्ग पर चलाए गए। उनका यहाँ पर्दापण महाराजा विक्रमादित्य के आदेश पर हुआ। "
इसी काव्य के कुछ अंश बिड़ला मन्दिर,दिल्ली की यज्ञशाला के स्तभों पर उत्कीर्ण है,-------------------१-हे भारत की पुन्य भूमि!तू धन्य है क्योंकि इश्वर ने अपने ज्ञान के लिए तुझको चुना। २-वाह्ह ईश्वर का ज्ञान जो सम्पूर्ण जगत को प्रकाशित करता है,यह भारतवर्ष में ऋषियो द्बारा चारों रूप में प्रकट हुआ। ३-और परमात्मा समस्त संसार को आज्ञा देता है की वेड जो मेरे गान है उनके अनुसार आचरण करो। वह ज्ञान के भण्डार 'साम' व 'यजुर 'है। ४ -और दो उनमे से 'ऋग् ' व 'अथर्व 'है । जो इनके प्रकाश में आ गया वह कभी अन्धकार को प्राप्त नही होता।
सम्राट विक्र्मदियता के काल में भारत विज्ञान, कला, साहित्य, गणित, नस्छ्त्र आदि विद्याओं का विश्व गुरु था। महान गणितग्य व ज्योतिर्विद्ति वराह मिहिर ने सम्राट विक्रम के शासन काल में ही सारे विश्व में भारत की कीर्ति पताका फहराई थी।
एक मित्र की टिपण्णी के द्वारा पता चला है कि सम्राट विक्रम ने रोम के शासक जुलियस सीजर को भी हराकर उसे बंदी बनाकर उज्जेन की सड़कों पर घुमाया था.
टिपण्णी यह है कि ----------------------
कालिदास-ज्योतिर्विदाभरण-अध्याय२२-ग्रन्थाध्यायनिरूपणम्-
श्लोकैश्चतुर्दशशतै सजिनैर्मयैव ज्योतिर्विदाभरणकाव्यविधा नमेतत् ॥ᅠ२२.६ᅠ॥
विक्रमार्कवर्णनम्-वर्षे श्रुतिस्मृतिविचारविवेकरम्ये श्रीभारते खधृतिसम्मितदेशपीठे।
मत्तोऽधुना कृतिरियं सति मालवेन्द्रे श्रीविक्रमार्कनृपराजवरे समासीत् ॥ᅠ२२.७ᅠ॥
नृपसभायां पण्डितवर्गा-शङ्कु सुवाग्वररुचिर्मणिरङ्गुदत्तो जिष्णुस्त्रिलोचनहरो घटखर्पराख्य।
अन्येऽपि सन्ति कवयोऽमरसिंहपूर्वा यस्यैव विक्रमनृपस्य सभासदोऽमो ॥ᅠ२२.८ᅠ॥
सत्यो वराहमिहिर श्रुतसेननामा श्रीबादरायणमणित्थकुमारसिंहा।
श्रविक्रमार्कंनृपसंसदि सन्ति चैते श्रीकालतन्त्रकवयस्त्वपरे मदाद्या ॥ᅠ२२.९ᅠ॥
नवरत्नानि-धन्वन्तरि क्षपणकामरसिंहशङ्कुर्वेतालभट्टघटखर्परकालिदासा।
ख्यातो वराहमिहिरो नृपते सभायां रत्नानि वै वररुचिर्नव विक्रमस्य ॥ᅠ२२.१०ᅠ॥
यो रुक्मदेशाधिपतिं शकेश्वरं जित्वा गृहीत्वोज्जयिनीं महाहवे।
आनीय सम्भ्राम्य मुमोच यत्त्वहो स विक्रमार्कः समसह्यविक्रमः ॥ २२.१७ ॥
तस्मिन् सदाविक्रममेदिनीशे विराजमाने समवन्तिकायाम्।
सर्वप्रजामङ्गलसौख्यसम्पद् बभूव सर्वत्र च वेदकर्म ॥ २२.१८ ॥
शङ्क्वादिपण्डितवराः कवयस्त्वनेके ज्योतिर्विदः सभमवंश्च वराहपूर्वाः।
श्रीविक्रमार्कनृपसंसदि मान्यबुद्घिस्तत्राप्यहं नृपसखा किल कालिदासः ॥ २२.१९ ॥
काव्यत्रयं सुमतिकृद्रघुवंशपूर्वं पूर्वं ततो ननु कियच्छ्रुतिकर्मवादः।
ज्योतिर्विदाभरणकालविधानशास्त्रं श्रीकालिदासकवितो हि ततो बभूव ॥ २२.२० ॥
वर्षैः सिन्धुरदर्शनाम्बरगुणै(३०६८)र्याते कलौ सम्मिते, मासे माधवसंज्ञिके च विहितो ग्रन्थक्रियोपक्रमः।
नानाकालविधानशास्त्रगदितज्ञानं विलोक्यादरा-दूर्जे ग्रन्थसमाप्तिरत्र विहिता ज्योतिर्विदां प्रीतये ॥ २२.२१ ॥
ज्योतिर्विदाभरण की रचना ३०६८ कलि वर्ष (विक्रम संवत् २४) या ईसा पूर्व ३३ में हुयी। विक्रम सम्वत् के प्रभाव से उसके १० पूर्ण वर्ष के पौष मास से जुलिअस सीजर द्वारा कैलेण्डर आरम्भ हुआ, यद्यपि उसे ७ दिन पूर्व आरम्भ करने का आदेश था। विक्रमादित्य ने रोम के इस शककर्त्ता को बन्दी बनाकर उज्जैन में भी घुमाया था (७८ इसा पूर्व में) तथा बाद में छोड़ दिया।। इसे रोमन लेखकों ने बहुत घुमा फिराकर जलदस्युओं द्वारा अपहरण बताया है तथा उसमें भी सीजर का गौरव दिखाया है कि वह अपना अपहरण मूल्य बढ़ाना चाहता था। इसी प्रकार सिकन्दर की पोरस (पुरु वंशी राजा) द्वारा पराजय को भी ग्रीक लेखकों ने उसकी जीत बताकर उसे क्षमादान के रूप में दिखाया है।
http://en.wikipedia.org/wiki/Julius_Caesar
Gaius Julius Caesar (13 July 100 BC – 15 March 44 BC) --- In 78 BC, --- On the way across the Aegean Sea, Caesar was kidnapped by pirates and held prisoner. He maintained an attitude of superiority throughout his captivity. When the pirates thought to demand a ransom of twenty talents of silver, he insisted they ask for fifty. After the ransom was paid, Caesar raised a fleet, pursued and captured the pirates, and imprisoned them. He had them crucified on his own authority.
Quoted from History of the Calendar, by M.N. Saha and N. C. Lahiri (part C of the Report of The Calendar Reforms Committee under Prof. M. N. Saha with Sri N.C. Lahiri as secretary in November 1952-Published by Council of Scientific & Industrial Research, Rafi Marg, New Delhi-110001, 1955, Second Edition 1992.
Page, 168-last para-“Caesar wanted to start the new year on the 25th December, the winter solstice day. But people resisted that choice because a new moon was due on January 1, 45 BC. And some people considered that the new moon was lucky. Caesar had to go along with them in their desire to start the new reckoning on a traditional lunar landmark.”
ज्योतिर्विदाभरण की कहानी ठीक होने के कई अन्य प्रमाण हैं-सिकन्दर के बाद सेल्युकस्, एण्टिओकस् आदि ने मध्य एसिआ में अपना प्रभाव बढ़ाने की बहुत कोशिश की, पर सीजर के बन्दी होने के बाद रोमन लोग भारत ही नहीं, इरान, इराक तथा अरब देशों का भी नाम लेने का साहस नहीं किये। केवल सीरिया तथा मिस्र का ही उल्लेख कर संतुष्ट हो गये। यहां तक कि सीरिया से पूर्व के किसी राजा के नाम का उल्लेख भी नहीं है। बाइबिल में लिखा है कि उनके जन्म के समय मगध के २ ज्योतिषी गये थे जिन्होंने ईसा के महापुरुष होने की भविष्यवाणी की थी। सीजर के राज्य में भी विक्रमादित्य के ज्योतिषियों की बात प्रामाणिक मानी गयी।

हिन्दू धर्म के बिना भारत का कोई भविष्य नहीं है


हिन्दू धर्म के बिना भारत का कोई भविष्य नहीं है .


डॉ० एनी बेसेंट का हिन्दू धर्म को कोसने वालों के मूह पर तमाचा
भूलिये नहीं ! हिन्दू धर्म के बिना भारत का कोई भविष्य नहीं है। हिन्दू धर्म वह भूमि है जिसमे भारत की जड़े गहरी जमी हुई हैं और यदि इस भूमि से इसे उखाड़ा गया तो भारत वैसे ही सूख जायेगा जैसे कोई वृक्ष भूमि से उखाड़ने पर सूख जाता है। भारत में अनेक मत,संप्रदाय और वंशों के लोग पनप रहे हैं,किन्तु उनमे से कोई भी न तो भारत के अतीत के उषा काल में था, न उनमे कोई राष्ट्र के रूप में उसके स्थायित्व के लिए अनिवार्यत: आवयशक है। 
यदि आप हिन्दू धर्म छोड़ते है तो आप अपनी भारत माता के ह्रदय में छुरा घोंपते हैं।यदि भारत माता के जीवन-रक्त स्वरुप हिन्दू धर्म निकल जाता है तो माता गत-प्राण हो जाएगी। आर्य जाती की यह माता ,यह पद्भ्रष्ट जगत -सम्राज्ञी पहले ही आहत क्षत-विक्षत ,विजित और अवनत हुई है। किन्तु हिन्दू धर्म उसे जीवित रखे हुए है,अन्यथा उसकी गर्णा म्रतों में हुई होती। 
यदि आप अपने भविष्य को मूल्यवान समझते हैं, अपनी मात्रभूमि से प्रेम करते हैं,तो अपने प्राचीन धर्म की अपनी पकड़ को छोडिये नहीं,उस निष्ठां से अलग मत होइए जिस पर भारत के प्राण निर्भर हैं। हिन्दू धर्म के अतिरिक्त अन्य किसी मत की रक्त -वाहिनिया ऐसी स्वर्ण सी ,ऐसी अमूल्य नहीं हैं,जिनमे आध्यात्मिक जीवन का रक्त प्रवाहित किया जा सके। 
परन्तु एक धोखा है --
-- एक वास्तविक और भारी धोखा --- कि भारत से कभी हिन्दू धर्म का लोप न हो जाए ,
नए -पुराने के झगडे में कहीं हिन्दू धर्म ही नष्ट न हो जाए। यदि हिन्दू ही हिन्दू धर्म को न बचा सके तो और कोन बचाएगा ? यदि भारत की संतान अपने धर्म पर अडिग नहीं रही तो कोन उस धर्म कीरक्षा करेगा ?भारत और हिन्दू धर्म एक रूप हैं। मै यह कार्य भार aapko de रही हूँ,कि हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठावान रहो,वही आपका सच्चा जीवन है। कोई भ्रष्ट मत या विकृत धर्म अपने कलंकित हाथों से आपको सोंपी गयी इस पवित्र धरोहर को स्पर्श न कर सके। 
( hindu jeevanaadarsh prashth ..135-136)

THE ORIGINAL PHOTO OF JHANSI KI RANI LAXMI BAI

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का यह एकमात्र फोटो है, जिसे कोलकाता में रहने वाले अंग्रेज फोटोग्राफर जॉनस्टोन एंड हॉटमैन द्वारा 1850 में ही खींचा गया था। यह फोटो अहमदाबाद निवासी चित्रकार अमित अंबालाल के संग्रह में मौजूद है।