राज और समाज की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं की बिगड़ी हालत के लिए बहुत लोग जिम्मेदार हैं, परन्तु उन्हें हम जिम्मेदार ठहरा नहीं सकते, क्योंकि हमारे पास कोई सबूत नहीं है। और सबूतों के लिए जरूरी है हर मामले की, हर घटना की, हर विभाग की, हर अधिकारी या नेता की और हर उस व्यक्ति की तहकीकात की, जो समाज और देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तो आईए, हमारी टीम में शामिल होकर शुरू करें तहकीकात, और खोल डालिए पर्दे के पीछे की कहानी। जीतता वही है, जिसकी तहकीकात पक्की हो।
-सुमित्रा आर्य, सम्पादक, तहकीकात
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