About Me

My photo
हमेशा देश-सेवा और जनसेवा की भावनाओं के वशीभूत होकर कार्य किया है। विभिन्न संस्थाओं और सरकारी बोर्डों, समितियों में रहकर भी जनहित के कामों पर ध्यान दिया है। हरकदम पर पाया है कि भ्रष्टाचार इस देश को भीतर ही भीतर खोखला करता जा रहा है। स्वार्थ के सामने राष्ट्रहित गौण होता जा रहा है। इस टसि को लेकर कलम की ताकत की कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में सन 2003 में कलम कला पाक्षिक अखबार का प्रकाशन आरम्भ किया, जो अनवरत चल रहा है। अब ब्लॉगिंग के जरिए देश भर के नेक और ईमानदार लोगों की टीम बनाकर भ्रष्टाचार मिटाना चाहती हूं।

Wednesday, May 4, 2011

पुस्तक समीक्षा : हिंदी ब्लॉगिंग - अभिव्यक्ति की नई क्रांति





हिंदी ब्लॉगिंग का विस्तृत दस्तावेज़...  - डॉ. गिरिराज शरण अग्रवाल

कोई पौने चार सौ पृष्ठों की इस किताब में हिंदी ब्लॉगिंग के तमाम छुए.अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला गया . किताब वस्तुतः हिंदी ब्लॉगिंग के विविध आयामों में जमे और डटे ब्लॉगरों की लिखी सामग्री को लेकर संपादित व संयोजित किया गया हैण्  एक तरह से यह ब्लॉगए खासकर हिंदी ब्लॉग के लिए रेफरेंस बुक की तरह हैए जहाँ आपको हिंदी ब्लॉगिंग के तकनीकी पहलुओं से लेकर इसकी सर्जनात्मकता और आर्थिकता आदि तमाम दीगर पहलुओं पर विस्तृत आलेख मिलेंगे.

विविध विषयों पर विद्वान लेखकों का अपनी अपनी शैली में लेखन किताब को न सिर्फ पठनीय बनाता है, बल्कि रोचक और जानकारी परक भी  हैं. अलबत्ता कहीं कहीं कथ्य और विषय में दोहराव हैए मगर यह इसलिए भी जरूरी है कि किसी पाठ्य पुस्तक में कोई चैप्टर ठीक से समझ नहीं आता तो विद्यार्थी किसी अन्य लेखक की किताब का संदर्भ भी अपने फंडे क्लीयर करने में लेता हैण् तो यही बात यहाँ भी लागू हैण् ब्लॉगिंग के कुछ मूलभूत बातों को हर किसी ने अपने अपने एंगल और अपनी लच्छेदार शैली में बताने की भरपूर कोशिश की हैण् बहुत सा मसाला यूं तो नेट पर भी मिल सकता हैए जिसे संबंधित लेखकों ने अलग अलग समय पर अपने ब्लॉगों या अन्यत्र कॉलमों में भी लिखा है. फिर भी, संपादन व संयोजन काबिले तारीफ है और इसके लिए संपादक द्वय अविनाश वाचस्पति और रवींद्र प्रभात बधाई व साधुवाद के पात्र हैं.

तोए यदि आप हिंदी ब्लॉगिंग में हैं, तो इस किताब को बाईए बोरो ऑर स्टील के तर्ज पर कहीं से भी हासिल कर पढ़ना ही चाहिए, और न सिर्फ पढ़ना चाहिए, एक अदद किताब रेफरेंस मटेरियल के तौर पर रखना चाहिए, न जाने कब किस संदर्भ सामग्री की जरूरत पड़ जाए!



हाथ कंगन को आरसी क्या? ये रही किताब की  अनुक्रमणिका -



तकनीकी खंड
यूनिकोड हिंदी टाइपिंग से परिचय - ई पंडित श्रीश शर्मा ।

आओ ब्लॉग बनाएँ - शाहनवाज सिद्दिकी

सजना है मुझे रीडर के लिए - चंडीदत्त शुक्ल

ब्लॉग की बेलाग दुनिया - चिराग जैन

हिंदी ब्लॉगिंग के तकनीकी पहलू - शैलेश भारतवासी

यूनिकोड तक पहुँचने के काँटो भरे रास्ते - रवि.रतलामी

मोबाइल फ़ोनध्टैबलेट कंप्यूटर में हिंदी समर्थन - ई पंडित श्रीश शर्मा

जी.मेल में महत्त्वपूर्ण र्ईमेलों को कंप्यूटर पर कैसे सेव करें - कुन्नु सिंह

आप अपने ब्लॉग का अपना एसएमएस चैनल बनाएँ - विनयप्रजापति

वायस ब्लॉगिंग रू बेकरार आवाज में असर के लिए - पीयूष पांडे

आपका लाइव होना जिंदादिली का नाम है - गिरीश बिल्लौरे मुकुल

ई.मेल में पोस्ट खुद आती है - बी एस पाबला

कैसे बढ़ाएँ ब्लॉग ट्रैफिक? - रतनसिंह शेखावत



ब्लॉग प्रसंग
हिंदी ब्लॉग रू सृजन संकट और कुछ उम्मीदें - सिद्धेश्वरसिंह

आदमी को आदमी से जोड़ रही है हिंदी ब्लॉगिंग - सुरेश यादव

प्रकाशन की समस्या का अंत है हिंदी ब्लॉगिंग - पवनचंदन

हिंदी ब्लॉगिंग रू रचनात्मक अभिव्यक्ति के विविध आयाम - केवलराम

संचार खंड
विश्व से जोड़ता ब्लॉगिंग माध्यम- शिवम मिश्र

ब्लॉगिंग की ताकत - खुशदीप सहगल

हिंदी ब्लॉगिंग से गले मिलें - सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी

जानिए, अपने प्रारंभिक ब्लॉगरों को - रवींद्र प्रभात

हिंदी ब्लॉगिंग : पालने में ही दहाड़ता पूत -अजय कुमार झा

हिंदी ब्लॉगिंग को सही और सकारात्मक दिशा की दरकार - मनोज पांडेय



विमर्श खंड
हिंदी भाषा और साहित्य में चिट्ठाकारिता की भूमिका - रवींद्र प्रभात

ब्लॉगिंग का सामाजिक और साहित्यिक पक्ष - पूर्णिमा वर्मन

मानवीय सर्जना का नवोन्मेष है हिंदी ब्लॉगिंग - गिरीशपंकज

हिंदी ब्लॉगिंग को परिवर्तन के एक ताकतवर हथियार के रूप में ढालने की जरूरत है - प्रमोद तांबट

पारस्परिक संवाद का सशक्त माध्यम है हिंदी ब्लॉगिंग - अविनाश वाचस्पति

वैकल्पिक मीडिया का नया अवतार - अजित राय

हिंदी ब्लॉगिंग का आर्थिक पक्ष - प्रतीक पांडे

यूनिकोड एक ऐसी कोडिंग प्रणाली जिसमें विश्व की सभी जीवंत भाषाएँ समाहित हैं -विजय के मल्होत्रा

ब्लॉग पर हिंदी साहित्य - अखिलेश शुक्ल

हिंदी ब्लॉगिंग में विज्ञान लेखन की संभावनाएँ - शास्त्री जे सी फिलिप

न्यू मीडिया रू सभावनाएँ और चुनौतियाँ - कनिष्क कश्यप

हिंदी ब्लॉगिंग में विज्ञान लेखन - डॉ. अरविंद मिश्र

अंतरजाल पर कविता की दुनिया रू कविता का बाजार दृ अरविंद श्रीवास्तव

हिंदी ब्लॉगिंग में काव्य सृजन की संभावनाएँ - रश्मि प्रभा

चिट्ठाकारिता और उसके कारक तत्व - पद्मसिंह

ब्लॉगिंग और कार्टून विधा - काजल कुमार

समाज निर्माण में ब्लॉगिंग और उसकी रचनात्मकता का योगदान - जयकुमार झा

ब्लॉगिंग रू अभिव्यक्ति का एक सरल सहज और सशक्त माध्यम - वाणीशर्मा

बाजारवाद के इस दौर में हिंदी ब्लॉगिंग की भूमिका - एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन

एक ऐसा माध्यम जिसकी न कोई सीमाएँ हैं न कोई बंधन - शिखा वार्ष्णेय

हिंदी ब्लॉगिंग में अर्थ जगत की गतिविधियाँ - विवेक रस्तोगी

लेखन का अनुभव और सार्थक ब्लॉगिंग - आशीष कुमार अंशु

हिंदी ब्लॉगिंग का सामाजिक व सृजनात्मक पक्ष डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक

हिंदी ब्लॉगिंग में आधी दुनिया का यथार्थ - रेखा श्रीवास्तव

ब्लॉग की धार तीखी और मार गहरी होती है - ललित शर्मा

सामाजिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में हिंदी ब्लॉगिंग - वंदना गुप्ता

वास्तविक या आभासी - फौजिया रियाज

नागरिक पत्रकारिता का मजबूत स्तंभ बन सकता है ब्लॉग - उमाशंकर मिश्र

हिंदी ब्लॉग की चुनौतियाँ - उमेश चतुर्वेदी

सामाजिक सरोकार समझें ब्लॉगर - डॉ. सुभाष राय



विश्लेषण खंड
हिंदी ब्लॉगिंग में महिलाओं की स्थिति - रवींद्र प्रभात

ब्लॉगिंग रू आनलाइन विश्व की आजाद अभिव्यक्ति - बालेंदु शर्मा दाधीच

हिंदी ब्लॉगिंग का तेजी से बढ़ता सृजनात्मक दायरा - आकांक्षा यादव

नेट से आगे पहचान और भी है - चंडीदत्त शुक्ल

परिचर्चाखंड
ब्लॉग पर साहित्य की सार्थकता - रवींद्र प्रभात

ब्लॉग, जो पूरे फिल्मी हैं -चंडीदत्त शुक्ल

संस्मरण खंड ब्लॉगिंग में तीन साल - ज्ञानदत्त पांडेय

ब्लॉगिंग अभिव्यक्ति का अद्भुत माध्यम - अनूप शुक्ल

हिंदी ब्लॉगर और प्रिंट मीडिया - जाकिर अली रजनीश

ब्लॉगर की दिनचर्या पत्नी की जुबानी - रचना त्रिपाठी

साक्षात्कार खंड
हिंदी ब्लॉगिंग छोटा सा समाज है - समीर लाल समीर

हिंदी ब्लॉगिंग को अभी परवरिश की दरकार है - दिविक रमेश

हिंदी के नए सूर और तुलसी ब्लॉगिंग के जरिए ही पैदा होंगे - रवि.रतलामी

आज इंटरनेट सामान्य जीवन का अंग बन चुका है - जी. ण्के. अवधिया

ब्लॉगिंग का व्यसन की तरह प्रयोग नहीं करना चाहिए-  प्रेमजनमेजय

साहित्य अकादमी की तरह ब्लॉगिंग अकादमी भी बने - अलबेला खत्री

ब्लॉगरों को सामूहिक ब्लॉग से जुड़कर अनुभव लेना चाहिए - अविनाश वाचस्पति

आज हिंदी ब्लॉगिंग समानांतर मीडिया का रूप ले चुका है - अमरजीत कौर

वर्चुअल टेक्नोलाजी में जबरदस्त सामर्थ्य है - गौहर रजा

ब्लॉगिंग आत्म प्रचार की नई तकनीक है - कृष्ण बिहारी मिश्र

वर्चुअल दुनिया का प्रभाव मानव मस्तिष्क पर स्थायी होता है - अंबरीश अंबर

हिंदी ब्लॉगिंग ने परस्पर संवाद व विचार विमर्श के नए रास्ते खोले हैं - शकील सिद्दीकी

ब्लॉग, ब्लॉगर और ब्लॉगिंग : एक प्रश्नोत्तरी - सुषमा सिंह

...

पुस्तक के  विषय, अध्याय व लेखक ही किताब की परिपूर्णता की कहानी बयाँ कर देते हैं.

अन्य विवरण .

हिंदी ब्लॉगिंग - अभिव्यक्ति की नई क्रांति

आईएसबीएन नं .  ISBN 978-93-80916-05-7

संपादक - अविनाश वाचस्पति एवं रवीन्द्र प्रभात

प्रकाशक - हिंदी साहित्य निकेतन

16 साहित्य विहार, बिजनौर उप्र . फोन 01342 . 263232

ईमेल .GIRIRAJ@HINDISAHITYANIKETAN.COM

पृष्ठ . 375, मूल्य 495.00 रुपए

No comments:

Post a Comment