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हमेशा देश-सेवा और जनसेवा की भावनाओं के वशीभूत होकर कार्य किया है। विभिन्न संस्थाओं और सरकारी बोर्डों, समितियों में रहकर भी जनहित के कामों पर ध्यान दिया है। हरकदम पर पाया है कि भ्रष्टाचार इस देश को भीतर ही भीतर खोखला करता जा रहा है। स्वार्थ के सामने राष्ट्रहित गौण होता जा रहा है। इस टसि को लेकर कलम की ताकत की कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में सन 2003 में कलम कला पाक्षिक अखबार का प्रकाशन आरम्भ किया, जो अनवरत चल रहा है। अब ब्लॉगिंग के जरिए देश भर के नेक और ईमानदार लोगों की टीम बनाकर भ्रष्टाचार मिटाना चाहती हूं।

Wednesday, April 27, 2011

जगदीश यायावर व सुमित्रा आर्य ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसिएशन से जुड़े- क्षेत्र के प्रथम व श्रेष्ठ ब्लॉगर बने


लाडनूं (कलम कला न्यूज)। नागौर जिले के प्रमुख इंटरनेट-ब्लॉग निर्माता व प्रसिद्ध पत्रकार दम्पत्ती श्रीमती सुमित्रा आर्य व जगदीश यायावर अब ब्लॉग-मेकर्स के नवगठित अखिल भारतीय संगठन ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसिएशन से जुड़ गए हैं। हाल ही में गठित हुई इस  एसोसिएशन में इन्हें शीघ्र ही बनने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महत्त्वपूर्ण पद सम्भलाए जाने की भी पूर्ण संभावनाएं हैं।  पत्रकारिता की उभरती हुई इस नई विधा में उनके विशेष योगदान को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी सिद्धहस्तता के कारण उनकी इंटरनेट पर हिन्दी भाषा में प्रस्तुति कलम कला न्यूज,  लाडनूं-न्यूज, सैनी घोष, करण्ट-यायावर,  तहकीकात  आदि  ब्लॉग-साईटों की लोकप्रियता  के कारण देश भर के इस संगठन ने इन्हें महत्व दिया है। नियमित रूप से अपडेट होने के कारण इस दम्पत्ती की इन साईटों का महत्व विशेष रूप से बढ गया है। गूगल सर्च इंजिन पर सर्च करने पर ये साईटें सबसे ऊपर मिलेंगी, जो इनकी लोकप्रियता का द्योतक है। अगर आप केवल कलम कला लिखकर सर्च करेंगे तो अपनी सारी नई पोस्टों सहित कलम कला के ब्लॉग की ढेरों जानकारियां हासिल कर सकेंगे।
      इन साईटों में प्रमुख  सैनी घोष ब्लॉग को विशेषकर सैनी समाज के लिए बनाया गया है, जिसमें  केवल क्षेत्रीय ही नहीं बल्कि देश भर के सैनी समाज की खबरों, ऐतिहासिक विवरण, सामाजिक जागृति, आन्दोलन, प्रमुख व्यक्तियों का जीवन परिचय, व्यक्तित्व व कर्तृत्व, संगठन समाचार, वैवाहिक विवरण आदि विषयों को संजोया गया है। सैनी घोष अल्प समय में ही देश की सबसे प्रमुख साईट बनकर उभरी है। इसमें हिन्दी के साथ कुछ अंग्रेजी के आलेख भी शामिल किए गए हैं।        
                               तहकीकात इनका एक नया ब्लॉग है, जिसमें विश्वप्रसिद्ध वेबसाईट विकीलिक्स ने दुनिया के सत्ताधीशों को हिला दिया और भारत में  प्रमुख साईट तहलका डॉट कॉम ने भंडाफोड़ करके अनेक राजनेताओं की नींद हराम कर दी, ठीक उसी तरह राजस्थान प्रदेश ही नहीं देश भर में भ्रष्टाचारियों और अन्य प्रमुख भंडाफोड़  निरन्तर इस साईट तहकीकात द्वारा किए जाते रहेंगे।         कलम कला न्यूज इस दम्पत्ती की सबसे पुरानी साईट है, जिसमें लाडनूं, नागौर व चूरू जिले, राजस्थान प्रांत और देश भर को प्राथमिकता क्रम से महत्व देते हुए शामिल किया गया है। इसी तरह की इनकी अन्य इंटरनेट साईटें कलम कला समाचार पत्र के समाचारों के अलावा अन्य प्रमुख समाचारों को प्रकाशित कर रहे हैं। ये अपने सभी ब्लॉग में नवीनतम तकनीक के नए-नए प्रयोग करें उन्हें अधिक आकर्षक और पाठकों के लिए रूचिकर बना रहे हैं।

विकीलीक्स की खबरें पढ़ना भी अपराध


 
वॉशिंगटन

अमेरिकी सरकार की माने तो विकीलीक्स की खबरें पढ़ना भी अपराध की श्रेणी में आता है।


अमेरिका के सामाजिक सुरक्षा प्रशासन एसएसए ने अपने कर्मचारियों को एक परिपत्र में आगाह किया है कि वे इंटरनेट पर विकीलीक्स का खुलासा पढ़ने से बाज आएँ। ऐसा करना आपराधिक कृत्य है।


सरकारी परिपत्र के अनुसार इसके बावजूद कि यह दस्तावेज इंटरनेट पर सार्वजनिक कर दिए गए हैंए दस्तावेज गोपनीयता की श्रेणी में हैं। कर्मचारियों को चाहिए कि वे इन दस्तावेजों को नहीं पढ़ेंए इन्हें डाउनलोड नहीं करें और न ही इन्हें किसी व्यक्ति को भेजें।


कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि दस्तावेजों को पढ़नाए संग्रहीत करना या किसी अन्य व्यक्ति को प्रेषित करना संघीय कानून के तहत अपराध है।


दूसरी ओर सभी धमकियों से बेखबर विकीलीक्स ने अपना भावी कार्यक्रम घोषित कर दिया है। विकीलीक्स के अनुसार एक दस्तावेज को जारी करने में एक घंटा लगता है। इस हिसाब से आगामी 29 वर्षों तक हमारा खुलासा जारी रहेगा।


जयपुर में फैला देह व्यापार: मसाज पार्लर बने सेक्स के अड्डे


जयपुर में फैला देह व्यापार: मसाज पार्लर बने सेक्स के अड्डे 



जयपुर। जयपुर में लम्बे समय से  देह व्यापार का धंधा चल रहा है। हालांकि कई बार पुलिस ने अनेक मामले पकड़े भी हैं। मगर इस धंधे पर कोई रोक नहीं लग पाई है। देह व्यापार ने अपना स्वरूप बदल लिया है। यह अब पोश कालोनियों में हो रहा है तथा मसाज पार्लर जैसे धंधों की आड़ में इसे चलाया जा रहा है। हाल ही में गांधी नगर पुलिस ने मसाज पार्लर की आड़ में देह व्यापार के मामले में विवाहिता सहित तीन जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि शास्त्री नगर निवासी प्रियंका उर्फ प्रीति (26), दुर्गापुरा में किराए से रहने वाले केरल निवासी राहुलराज (27) व विवेक (26) को गिरफ्तार किया गया है।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने कानोडिया कॉलेज के पीछे स्थित बी-180 मंगल मार्ग पर दबिश देकर अभियुक्तों को दबोच लिया। प्रियंका पहले भी जालूपुरा थाने में पीटा एक्ट में गिरफ्तार हो चुकी है।

12 अप्रेल को बनी थी वीडियो क्लीपिंग!


12 अप्रेल को बनी थी वीडियो क्लीपिंग! 

जयपुर। छात्रा से बलात्कार के बाद वीडियो क्लीपिंग बनाकर ब्लैकमेल करने के मामले में पुलिस अभी अभियुक्तों से कुछ भी उगलवा नहीं पाई है। पुलिस अभी तक वह कैमरा भी बरामद नहीं कर पाई है, जिससे अभियुक्तों ने सीडी बनाई थी। अभी तक की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि यह सीडी 12 अप्रेल को तैयार की गई है। सीडी में रिकॉर्डिग के साथ यह तारीख नजर आ रही है। पुलिस पड़ताल में युवती ने कहा कि वह बदनामी के साथ परिजनों के डर से पहले अपनी बात कह नहीं पा रही थी।
 उसने विरोध का मानस बनाया तो अभियुक्त मदन सिंह व दीपक ने सीडी तैयार कर ली। दो दिन बाद ही उन्होंने लड़की को चुपचाप आदेश मानने की बात कह कर सीडी थमा दी थी। अब पुलिस को तफ्तीश मजबूत करने के लिए वह कैमरा बरामद करना है, जिससे रिकॉर्डिग की गई थी। पुलिस का मानना है कि कैमरा किसी कपड़े में छिपाकर रखा गया था। 

लड़कियों संग रंगरेलियां मना रहे डिप्टी एसपी पर आफत!

 
 
 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजनौर के चांदपुर के डिप्टी एसपी को दो लड़कियों के साथ आपत्तिजन हालत में एक चीनी मिल के गेस्ट हाउस में पकड़ा गया है।

डीएम ए वी राजामौलि ने बताया है कि चांदपुर में तैनात डिप्टी एसपी अरुण कुमार के खिलाफ जांच का जि मा अपर जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया है। वह धामपुर चीनी मिल के गेस्ट हाऊस में दो युवतियों के साथ कल आपत्तिजनक हालत में पकड़े गये थे। दोनों युवतियों के बयान दर्ज कर लिये गये हैं। जांच होने तक क्षेत्राधिकारी को जिला मुख्यालय से स बद्ध कर दिया गया है।

डिप्टी एसपी गुरूवार की शाम को लोगों ने गेस्ट हाऊस में दो युवतियों के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा तो उनके साथ मारपीट की। लोगों के इस तरह अचानक आने से डिप्टी एसपी दोनों युवतियों को गेस्ट हाऊस में ही छोड़ कर भाग गये।

भ्रष्ट तहसीलदारों को भेजा जाएगा अपने घर


जबरन सेवानिवृत्ति से मिटेंगे दाग

अजमेर। राजस्व मंडल उम्रदराज दागी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों से पीछा छुड़ाएगा। इसके लिए इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसकी कवायद शुरू हो गई है। मंडल अध्यक्ष मीनाक्षी हूजा के निर्देश पर राजस्व मंडल के वरिष्ठ सदस्य आनंद कुमार की अध्यक्षता में इंटरनल स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है। मंडल सदस्य जी. के. तिवाड़ी तथा मंडल निबंधक आलोक गुप्ता कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
मंडल अधिकारियों का कहना है कि कमेटी ऐसे तहसीलदारों के प्रकरण देखेगी जिनकी आयु 50 साल से अधिक हो तथा जांच व दंड के कई मामलों का सामना कर चुके हों। कमेटी ने विभागीय कर्मचारियों को तहसीलदारों के खिलाफ हुई जांच,  दिए गए दंड तथा एसीआर आदि का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
यह है स्थिति
राजस्व तहसीलदार के पद 251, उप पंजीयक 67, तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 155, कुल 473 पद हैं। जिलों में नायब तहसीलदार के पद 389 नायब तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 51, कुल पद 440 हैं। तहसीलदारों के 125 पद रिक्त चल रहे हैं।
जांच के दायरे में
104 नायब तहसीलदार व तहसीलदार 16 सीसी के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसी तरह 23 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार 17 सीसी के आरोपों से घिरे हैं, जबकि 168 के खिलाफ  प्रारम्भिक व अन्य जांचें लम्बित हैं। करीब 295 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार जांच के दायरे में हैं जबकि कई निलम्बित चल रहे हैं। देखा जाए तो कुल 913 नायब तहसीलदार व  तहसीलदारों में से 125 पद रिक्त हैं। 788 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार में 295 जांच के दायरे में हैं। देखा जाए तो 38 फीसदी से अधिक नायब तहसीलदार व तहसीलदार जांच का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से सम्बन्घित 50 मामले विचाराधीन हैं।
इन मामलों में जांच
मंडल को प्रतिमाह तहसीलदारों व नायब तहसीलदरों से जुड़ी करीब 15 से 20 शिकायतें मिलती हैं। इनमें अधिकतर तहसीलदारों पर पद के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार, भूमि का नामांतरण दूसरे के नाम करने, मंडल के फैसलों की पालना नहीं करने और विवाहित लड़कियों की बिना सहमति के भूमि भाइयों के पक्ष में करने या बेचान करने की स्वीकृति देने आदि की शिकायतें हैं।

भ्रष्ट तहसीलदारों को भेजा जाएगा अपने घर


जबरन सेवानिवृत्ति से मिटेंगे दाग

अजमेर। राजस्व मंडल उम्रदराज दागी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों से पीछा छुड़ाएगा। इसके लिए इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसकी कवायद शुरू हो गई है। मंडल अध्यक्ष मीनाक्षी हूजा के निर्देश पर राजस्व मंडल के वरिष्ठ सदस्य आनंद कुमार की अध्यक्षता में इंटरनल स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है। मंडल सदस्य जी. के. तिवाड़ी तथा मंडल निबंधक आलोक गुप्ता कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
मंडल अधिकारियों का कहना है कि कमेटी ऐसे तहसीलदारों के प्रकरण देखेगी जिनकी आयु 50 साल से अधिक हो तथा जांच व दंड के कई मामलों का सामना कर चुके हों। कमेटी ने विभागीय कर्मचारियों को तहसीलदारों के खिलाफ हुई जांच,  दिए गए दंड तथा एसीआर आदि का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
यह है स्थिति
राजस्व तहसीलदार के पद 251, उप पंजीयक 67, तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 155, कुल 473 पद हैं। जिलों में नायब तहसीलदार के पद 389 नायब तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 51, कुल पद 440 हैं। तहसीलदारों के 125 पद रिक्त चल रहे हैं।
जांच के दायरे में
104 नायब तहसीलदार व तहसीलदार 16 सीसी के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसी तरह 23 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार 17 सीसी के आरोपों से घिरे हैं, जबकि 168 के खिलाफ  प्रारम्भिक व अन्य जांचें लम्बित हैं। करीब 295 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार जांच के दायरे में हैं जबकि कई निलम्बित चल रहे हैं। देखा जाए तो कुल 913 नायब तहसीलदार व  तहसीलदारों में से 125 पद रिक्त हैं। 788 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार में 295 जांच के दायरे में हैं। देखा जाए तो 38 फीसदी से अधिक नायब तहसीलदार व तहसीलदार जांच का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से सम्बन्घित 50 मामले विचाराधीन हैं।
इन मामलों में जांच
मंडल को प्रतिमाह तहसीलदारों व नायब तहसीलदरों से जुड़ी करीब 15 से 20 शिकायतें मिलती हैं। इनमें अधिकतर तहसीलदारों पर पद के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार, भूमि का नामांतरण दूसरे के नाम करने, मंडल के फैसलों की पालना नहीं करने और विवाहित लड़कियों की बिना सहमति के भूमि भाइयों के पक्ष में करने या बेचान करने की स्वीकृति देने आदि की शिकायतें हैं।

भ्रष्ट तहसीलदारों को भेजा जाएगा अपने घर


जबरन सेवानिवृत्ति से मिटेंगे दाग

अजमेर। राजस्व मंडल उम्रदराज दागी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों से पीछा छुड़ाएगा। इसके लिए इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसकी कवायद शुरू हो गई है। मंडल अध्यक्ष मीनाक्षी हूजा के निर्देश पर राजस्व मंडल के वरिष्ठ सदस्य आनंद कुमार की अध्यक्षता में इंटरनल स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है। मंडल सदस्य जी. के. तिवाड़ी तथा मंडल निबंधक आलोक गुप्ता कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
मंडल अधिकारियों का कहना है कि कमेटी ऐसे तहसीलदारों के प्रकरण देखेगी जिनकी आयु 50 साल से अधिक हो तथा जांच व दंड के कई मामलों का सामना कर चुके हों। कमेटी ने विभागीय कर्मचारियों को तहसीलदारों के खिलाफ हुई जांच,  दिए गए दंड तथा एसीआर आदि का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
यह है स्थिति
राजस्व तहसीलदार के पद 251, उप पंजीयक 67, तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 155, कुल 473 पद हैं। जिलों में नायब तहसीलदार के पद 389 नायब तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 51, कुल पद 440 हैं। तहसीलदारों के 125 पद रिक्त चल रहे हैं।
जांच के दायरे में
104 नायब तहसीलदार व तहसीलदार 16 सीसी के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसी तरह 23 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार 17 सीसी के आरोपों से घिरे हैं, जबकि 168 के खिलाफ  प्रारम्भिक व अन्य जांचें लम्बित हैं। करीब 295 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार जांच के दायरे में हैं जबकि कई निलम्बित चल रहे हैं। देखा जाए तो कुल 913 नायब तहसीलदार व  तहसीलदारों में से 125 पद रिक्त हैं। 788 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार में 295 जांच के दायरे में हैं। देखा जाए तो 38 फीसदी से अधिक नायब तहसीलदार व तहसीलदार जांच का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से सम्बन्घित 50 मामले विचाराधीन हैं।
इन मामलों में जांच
मंडल को प्रतिमाह तहसीलदारों व नायब तहसीलदरों से जुड़ी करीब 15 से 20 शिकायतें मिलती हैं। इनमें अधिकतर तहसीलदारों पर पद के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार, भूमि का नामांतरण दूसरे के नाम करने, मंडल के फैसलों की पालना नहीं करने और विवाहित लड़कियों की बिना सहमति के भूमि भाइयों के पक्ष में करने या बेचान करने की स्वीकृति देने आदि की शिकायतें हैं।

ब्लू फिल्मों का गोरखधंधा




 नागौर। शहर में ब्लू फिल्मों का धंधा परवान पर है। कम मेहनत और भारी मुनाफे के कारण अनेक लोगों को यह गोरखधंधा रास आ रहा है। मोबाइल फोन के जरिए बनाई गई शहर की बप्रच्चयों की अश्लील क्लीपिंग्स इस गोरखधंधे के भयावह रूप को उजागर कर रही है।
इशारों.इशारों में
अश्लील फिल्म खरीदने वाले ज्यादा मोल.भाव नही करते। इशारों में वांछित फिल्म के बारे में बतायाए रूपए दिए और लेकर चलते बने। किसने क्या बेचा और किसने क्या खरीदाए किसी को भनक नहीं लगती।
कैसी.कैसी फिल्में
एक ही दिन में विभिन्न टाइटल की अश्लील हजारों सीडी.डीवीडी बिक जाती हैं। ब्लू फिल्म में नजर आ रही लड़की के स्थानीय हो तो मांग में उछाल आ जाता है।
बंधे हुए ग्राहक
दुकानदारों की मानें तो उनके अघिकतर ग्राहक बंधे हुए हैं। ब्लू फिल्मों की खुलेआम हो रही बिक्री के बावजूद पुलिस इस संबंध में गंभीरता से कार्रवाई नहीं करती। म्यूजिक कंपनियों के प्रतिनिघियों की शिकायत पर पाइरेटेड म्यूजिक सीडी पकड़ने के लिए पुलिस छापे डालती है। तब ब्लू फिल्म भी मिल जाए तो बरामदगी दिखा दी जाती है।
खूब मुनाफा
होलसेल में दुकानदारों को डीवीडी 15 से 20 रूपए में मिल जाती है। रिटेलर इन्हें 80 से 100 रूपए प्रति डीवीडी के हिसाब से बेच रहे हैं। चार से पांच गुना मुनाफा एक डीवीडी में होने के कारण यह व्यवसाय दिन.दूना रात.चौगुना हो रहा है।

नापाक हरकतों का सिलसिला
मेडतारोड रू दो युवकों ने पहले तो एक युवती को प्रेम जाल में फंसायाए फिर क्वार्टर में ले जाकर मोबाइल से उसके अश्लील फोटो एवं क्लीपिंग बनाकर दुराचार किया। यह सिलसिला दो साल तक चलता रहा। ज्यादती की शिकार युवती ने गत वर्ष 2 अक्टूबर को थाने में रिपोर्ट दी।
कुचामन रू कुचामन में एक युवती पेट दर्द होने पर झाड़ फंूक करने वाले के पास गई तो उसने जूस में नशीला पदार्थ पिला कर उससे दुराचार किया। बाद में उसकी अश्लील वीडियो क्लीपिंग बना ली। दूसरी लड़कियों को भी बनाया शिकार। 7 जनवरी को थाने में रिपोर्ट दर्ज।
नागौर
 शहर के माही दरवाजा क्षेत्र की एक लड़की के साथ दोस्ती के बहाने दुष्कर्म कर बनाई अश्लील वीडियो क्लिप। गत वर्ष 20 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज।
डेगाना
 डेगाना की एक युवती को पेपर देने के बहाने एक युवक ने झांसे में लेकर दुराचार कर बनाई अश्लील क्लिप।
जोचीणा
 जायल के जोचीणा में युवकों ने एक युवती को गाड़ी में ले जाकर दुष्कर्म कर वीडियो क्लिपिंग तैयार की। इसे सार्वजनिक कर देने की धमकी देकर डेढ़ वर्ष तक यौन शौषण।
बोरावड़
  जनवरी में दोस्ती के बहाने मोबाइल से बनाई वीडियो क्लिपिंग और अरसे तक यौन शोषण।
नागौर
  अप्रेल 2011ण्ण्ण्पन्द्रह वर्षीय स्कूली छात्रा से दुष्कर्म कर बनाई अश्लील क्लिपिंग। एक और लड़की की क्लिपिंग बाजार में।

ब्लैकमेलरों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद बीबीए की परीक्षा में बैठी छात्रा





जयपुर     हॉस्टल छात्रा की अश्लील सीडी बनाकर ब्लैकमेल करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद छात्रा ने पूरी तैयारी से बीबीए  बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की परीक्षा दी। अक्सर ऐसी घटनाओं में टूट जाने वाली युवतियों के लिए मिसाल बनी छात्रा एक दिन पहले जब शिप्रा पथ थाने गईए तब भी उसने पूरी दृढ़ता से पुलिस कार्रवाई में सहयोग किया।

परिचित ने दिया संबल
 सीडी बनाने के बाद आरोपियों ने छात्रा को 13 अप्रैल को मिलने के लिए बुलाया। उसने मना किया तो उसकी अश्लील सीडी पास में होने की बात कही। इस पर छात्रा उस दिन फ्लैट पर गई। बाद में 14 अप्रैल को उसे सीडी दे दी। छात्रा ने घटनाक्रम परिचित को बताया तो उसने तत्काल पुलिस थाने पहुंच सीडी देने की बात कही।

इसी माह बनाई गई थी सीडी
 छात्रा की अश्लील सीडी दोनों ब्लैकमेलरों ने वैशाली नगर स्थित विनायक एनक्लेव के फ्लैट में इस माह ही बनाई थी। जांच में सामने आया है कि सीडी जिस दिन पुलिस को मिलीए उससे करीब दस दिन पहले बनाई गई थी। दीपक कुमार पूनिया तथा मदन सिंह चौधरी हर रोज गर्ल्स हॉस्टल में आते थेए जबकि हॉस्टल में पुरुष के जाने पर मनाही थी।

5 मिनट की सीडी
 सीडी मिलने के बाद छात्रा ने 23 अप्रैल की रात साढ़े 11 बजे शिप्रा पथ थाने पहुंची। पुलिस के अनुसार सीडी करीब पांच से छह मिनट की हैए जो आरोपियों के फ्लैट के बेडरूम की है। पुलिस ने सीडी को सील कर दिया है। पुलिस का मानना है कि क्लिपिंग हिडन कैमरे से बनाई गई है।

ब्लैकमेलरों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद बीबीए की परीक्षा में बैठी छात्रा





जयपुर     हॉस्टल छात्रा की अश्लील सीडी बनाकर ब्लैकमेल करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद छात्रा ने पूरी तैयारी से बीबीए  बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की परीक्षा दी। अक्सर ऐसी घटनाओं में टूट जाने वाली युवतियों के लिए मिसाल बनी छात्रा एक दिन पहले जब शिप्रा पथ थाने गईए तब भी उसने पूरी दृढ़ता से पुलिस कार्रवाई में सहयोग किया।

परिचित ने दिया संबल
 सीडी बनाने के बाद आरोपियों ने छात्रा को 13 अप्रैल को मिलने के लिए बुलाया। उसने मना किया तो उसकी अश्लील सीडी पास में होने की बात कही। इस पर छात्रा उस दिन फ्लैट पर गई। बाद में 14 अप्रैल को उसे सीडी दे दी। छात्रा ने घटनाक्रम परिचित को बताया तो उसने तत्काल पुलिस थाने पहुंच सीडी देने की बात कही।

इसी माह बनाई गई थी सीडी
 छात्रा की अश्लील सीडी दोनों ब्लैकमेलरों ने वैशाली नगर स्थित विनायक एनक्लेव के फ्लैट में इस माह ही बनाई थी। जांच में सामने आया है कि सीडी जिस दिन पुलिस को मिलीए उससे करीब दस दिन पहले बनाई गई थी। दीपक कुमार पूनिया तथा मदन सिंह चौधरी हर रोज गर्ल्स हॉस्टल में आते थेए जबकि हॉस्टल में पुरुष के जाने पर मनाही थी।

5 मिनट की सीडी
 सीडी मिलने के बाद छात्रा ने 23 अप्रैल की रात साढ़े 11 बजे शिप्रा पथ थाने पहुंची। पुलिस के अनुसार सीडी करीब पांच से छह मिनट की हैए जो आरोपियों के फ्लैट के बेडरूम की है। पुलिस ने सीडी को सील कर दिया है। पुलिस का मानना है कि क्लिपिंग हिडन कैमरे से बनाई गई है।

बेटे-बेटी की हिस्सेदारी क्यों छिपाई गहलोत ने


बेटे-बेटी की हिस्सेदारी क्यों छिपाई गहलोत ने

 
Source: bhaskar network   |   Last Updated 02:54(27/04/11)
 
 
 
 
कोटा/जयपुर. भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी किरीट सोमैया ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परिजनों के हित साधने के लिए संवैधानिक दायित्व और नियमों को ताक में रख देने का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल किया कि जिन कंपनियों में गहलोत के बेटे-बेटी की हिस्सेदारी है, उसकी जानकारी सरकार को क्यों नहीं दी गई।

सोमैया ने गहलोत के ढाई साल के कार्यकाल में करीब 4 हजार करोड़ रुपए के घोटालों का आरोप भी लगाया। उन्होंने गहलोत पर कोटा की औद्योगिक कंपनी ओम मेटल समूह को फायदे पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो-तीन साल में इस कंपनी का कारोबार 50 करोड़ रु. से एक हजार करोड़ रु. हो गया है। इस संबंध में सोमैया ने कोटा में दस्तावेज भी उपलब्ध कराए। इनकी प्रतियां जयपुर में भाजपा प्रवक्ता सुनील भार्गव और ज्योति किरण ने जारी की और मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने को कहा।

उन्होंने कहा कि गहलोत के बेटे वैभव और बेटी सोनिया अखंड की कल्पतरू, ओम मेटल समूह और टाइटन होटल ग्रुप में हिस्सेदारी है। गहलोत ने इनको ठेके दिलाकर वित्तीय हित साधा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील भार्गव ने कहा कि गहलोत ने चहेती कंपनी को काली सिंध बांध के काम के लिए टेंडर की शर्तो में न सिर्फ बदलाव किया, बल्कि राशि को भी बढ़ा दिया। उन्होंने गहलोत के बेटे बेटियों की आय बढ़ने के मामले की जांच कराने की मांग की। इस बीच चित्तौडगढ में भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी ने कहा एक समय देश में नंबर वन मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित करने वाली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में नंबर वन हो गई है।

पुलिस ट्रेनिंग के दौरान महिला कांस्टेबलों को करना पड़ता है अफसरों को खुश: सालों से चल रहा था सेक्स का गंदा खेल: गर्भवती हुई कुंआरी कांस्टेबल




कोल्हापुर। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में यौन शोषण का मामला गरमाने लगा है। महिला कांस्टेबल के यौन शोषण के आरोपी इंस्पेक्टर युवराज कांबले को गिरफ्तार किया गया है और उसके नारको टेस्ट की मांग की जा रही है। हालांकि कांबले का कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

इस स्कैंडल का खुलासा तब हुआ जब ट्रेनिंग स्कूल की 11 महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की खबरें सामने आईं। गत मार्च में इस स्कूल की 71 महिला कांस्टेबल का मेडिकल टेस्ट किया गया था। ऐसी खबर है कि उस वक्?त सिर्फ दो महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात सामने आई हालांकि बाद  एक को सामान्य करार दिया गया। अब इस स्कूल की 11 ट्रेनी कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात कही जा रही है। इनमें से ज्यादातर कुंवारी हैं।

पीडित महिला कांस्टेबल की शिकायत है कि इंस्पेक्टर युवराज कांबले ने गत जनवरी में उसे टेस्ट पेपर देने के बहाने अपने कमरे पर बुलाया और उसकी मजबूरी का फ ायदा उठाया। आरोप है कि महिला कांस्टेबल की मेडिकल रिपोर्ट में भी हेर फेर की गई है।

स्थानीय सांसद सदाशिव राव का कहना है कि 11 कांस्टेबल गर्भवती हैं। उनके मुताबिक तीन साल से ट्रेनिंग स्कूल में यह खेल चल रहा था। अभी डर के मारे कई कांस्टेबल सामने नहीं आ रही हैं। उन्हें वरिष्ठ अफसरों के घर पर सेक्स के लिए भेजा जाता था।

मामला एक कांस्टेबल की शिकायत के बाद उजागर हुआ। बताया जा रहा है कि पुलिस ट्रेनिंग स्?कूल में यह गोरखधंधा किसी संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि जांच के बाद इस मामले में कई रसूखदार लोग बेनकाब हो सकते हैं।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी नाशिक ग्रामीण की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मैथिली झा को दी गई है। महिला आयोग ने भी अपनी ओर से जांच के आदेश दिए हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि मेडिकल जांच में केवल एक महिला गर्भवती पाई गई है और वही शिकायतकर्ता भी है। लेकिन स्थानीय सांसद सदाशिव मंडलिक ने दावा किया कि पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में कुल 11 महिला कांस्टेबल गर्भवती हुई हैं और इनमें से एक कांस्टेबल ने गर्भपात भी कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव भी इस कांड में शामिल हैं, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए उनका तबादला किया जाना चाहिए।

घटना सामने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। आरोप इंस्पेक्टर के खिलाफ  स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर उसे निलंबित भी कर दिया गया है।

Monday, April 25, 2011

कुछ सुलगते सवाल

भारतीय गणतन्त्र  के संविधान के अनुसार हर भारतीय के लिए कुछ मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है. समानता,स्वतंत्रता,शोषण का विरोध, धार्मिक आजादी,शिक्षा, संस्कृति , संवैधानिक , जीने और व्यक्तिगत आजादी का अधिकार इनमें मुख्य हैं. हम लोग जिसे आजादी का नाम देकर जश्न मानते हैं , क्या बदलाव महसूस करते हो गुलामी और आज की आजादी में. मेरे विचार से कुछ भी तो नहीं बदला है आज में और 62 साल पहले के भारत में ( भारतीयों के मौलिक अधिकारो के संदर्भ में ) .
                                                             आम नागरिक के साथ आज भी वही भेदभाव , शोषण हो रहा है , पहले अंग्रेज करते थे अब उनकी विरासत के वारिस काले अंग्रेज करते हैं. धार्मिक आजादी के नाम पर किसी धर्म विशेष का प्रयोग वोट के लिए किया जाता है और किसी को सांप्रदायिकता करार दिया जाता है. धार्मिक उन्माद फैलाकर आपसी भाईचारे को खत्म किया जाता है.
                             आम नागरिक को सरकारी स्तर पर शिक्षा मुहैया कराने की बात कहाँ तक खरी उतरती है . हर शहर और कस्बे में निजी स्कूलों और कालेजों की दुकानदारी खुलेआम चल रही है. एक बहुत बड़ा माफियाओं का समूह शिक्षा के नाम पर तथाकथित देश के नेताओं से सांठगांठ करके अपनी तिजोरियाँ भरने में लगे हुए हैं .
                                     संस्कृति की तो बात करना ही दकियानूसी और किसी पिछड़ेपन की पहचान लगने लगी है. आजकल का युवा और तथाकथित 21वी सदी के पक्षधर संस्कृति की बात करने वालों को किसी दूसरे ग्रह का प्राणी समझते हैं.
                                    कहने के लिए हर भारतीय को संवैधानिक अधिकार मिले हुए हैं. कानून की देवी की आँखों पर पट्टी बांधकर यह संदेश देने का झूठा प्रचार किया जाता है कि संविधान की नजर में सभी नागरिक समान हैं , जबकि सत्य इसके बिल्कुल विपरीत है . ‘ समरथ को नहीं दोष गुसाईं ‘ यह बात रामचरितमानस् में गोस्वामी तुलसीदास जी बहुत समय पहले ही वर्णित कर चुके हैं. जब भी कोई घोटाला या षड्यंत्र का भंडाफोड़ होता है तो हरेक शासन करने वाली पार्टी के मंत्री का एक ही बयान होता है ‘ किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कितने ही बड़े पद पर क्यों न हो.’ C.B.I. जैसी देश की उच्चतम केंद्रीय संस्था का आज तक का इतिहास इस बात का गवाह है ,उपरोक्त बयान कहाँ तक सही है ? देश के आम नागरिक को न्याय पाने के लिए न्यायलयों के चक्कर काटते-काटते अपना पूरा जीवन बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं मिलता .
               हर भारतीय के जीवन की रक्षा और स्वास्थ्य के लिए शायद किसी दूसरे देश या लोक की ज़िम्मेवारी है . भारतीय नेता तो यही सोचकर बैठे हैं . चाहे आम नागरिक की सुरक्षा का मामला हो या उसकी बीमारियों के लिए उपचार के लिए आधारभूत साधनों का . शासन करने वाले अपनी सुरक्षा के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर देतें हैं,परन्तु आम जनता मरती रहे इनको कोई फर्क नहीं पड़ता . या फिर उच्च और हाई प्रोफ़ाइल लोगों पर हमला होता है तो सरकार तुरन्त हरकत में आ जाती है .मुम्बई ताज होटल का हमला इसका उदाहरण है अगर ये हमला किसी आम जगह पर होता तो शायद इतना शोरशराबा नहीं होता .
                           लोग अपने स्वास्थ्य के लिए भी निजी और बड़े-बड़े कार्पोरेट सेक्टर के अस्पतालों पर निर्भर हैं. सभी को इस बात का पता है कि इन अस्पतालों में चिकित्सा के नाम पर कितनी बेदर्दी से लोगों का आर्थिक शोषण किया जाता है . इस क्षेत्र में भी बहुत बड़े-बड़े लोग सरकारों के साथ मिलकर सरेआम कानून का मखौल उड़ाते हुए आम लोगों के शरीर और भावनाओं तथा संवेदनाओं को मारने के पाप में संलिप्त हैं .
                                           जहाँ तक हर व्यक्ति के जीने के लिए आधारभूत सुविधाओं की बात है ( बिजली ,पानी, स्वच्छ हवा , सड़क , परिवहन ,आवास ,भोजन ) तो आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए हर जगह उपरोक्त सुविधाओं के लिए शासन के खिलाफ लोगों में एक आक्रोश मिलेगा . सरकार ने योजना आयोग बनाकर अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने का नाटक रचा रखा है . क्या इनको कोई अनुमान नहीं होता कि आने वाले 20 साल बाद किसी शहर या कस्बे में कितनी बिजली,पानी,सड़क,आवास की आवश्यकता होगी . अगले साल 2010 में देश की राजधानी में कॉमनवेल्थ गेम होंगे . उसके लिए फटाफट योजनाएँ बनकर कम चालू हो जाता है (नये होटलों का निर्माण , बिजलीघरों का निर्माण ,खेल स्टेडियम ) कोई इनसे पूछे इस काम के लिए इनके पास इच्छाशक्ति और धन कहाँ से आ जाता है ? अगर ये गेम ना होते तो ये लोग धन का रोना रोकर या और कोई बहाना बनाकर टाल जाते .
                                      बहुत से शहरों में दूषित जल की आपूर्ति की शिकायतें मिलती रहती हैं . मिलावटी खाद्य वस्तुएं बेचने पर दुकानदारों को दोषी मानकर उनपर कानूनी कार्यवाही की जाती है .उपभोक्ताओं को दैनिक उपयोग की सामग्री सही दुकानदार से खरीदने का विकल्प भी होता है.लेकिन स्थानीय दूषित जलापूर्ति का नागरिकों के लिए कोई विकल्प नहीं होता और दूषित जलापूर्ति के लिए न ही किसी अधिकारी या मंत्री पर कानूनी कार्यवाही होती है .                                   देश के कई हिस्सों में लोग भूख से मर रहे हैं और कई जगह अनाज सरकारी गोदामों में सड़ रहा है.देश की किसी भाग में सूखे के कारण अकाल होता है तो किसी कोने में अतिवृष्टि से बाढ़ का प्रकोप होता है .जब किसी दूसरे देश से तेल की पाईपलाइन लाई जा सकती है तो क्या एक ही देश के सूखे क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित क्षेत्र का पानी नहीं लाया जा सकता . दोनों क्षेत्रों में जो जानमाल और राष्ट्रीय सम्पति का नुकसान होता है उसका उपयोग अन्य बहुत सी योजनाओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
                                     आवास के अभाव में ठंड और गर्मी से बहुत से लोग मरते हैं , लाखों की संख्या में मन्दिर और धर्मशालाएँ बनी हुई और अब भी बहुत से तीर्थस्थानों पर बनती ही जा रही हैं . लेकिन इस देश की विडम्बना देखिए धनाड्य और संपन्न वर्ग भी इन भ्रष्ट राजनैतिक पार्टियों को चन्दा देने में नहीं हिचकते ,लेकिन इन सड़क पर जीवन बसर करने वाले असहाय गरीबों को सहारा देने में शर्म आती है .
                                              ऐसा नहीं है कि उपरोक्त सभी समस्याओं का राजनैतिक पार्टियों के पास कोई समाधान ना हो. सभी पार्टियाँ जानबूझ कर इन्हें बनाए रखती हैं ताकि इनके नाम पर अपना वोट का खेल जारी रख सकें .अगर इन सबका हल हो जाए तो फिर ये किस बात पर जनता को गुमराह करेंगी . जिस प्रकार से अंग्रेजों की नीति थी ‘फुट डालो और राज करो ‘ उसी नीति पर आज की राजनैतिक पार्टियाँ कम कर रही हैं. इन्होने अपनी राजनैतिक आकांक्षा पूरी करने के लिए समाज को हद से ज्यादा तोड़ने का काम किया है. हरेक राजनैतिक पार्टी में भ्रष्ट और अपराधिक पृष्ठभूमि की छवि के लोगों की भरमार है. हर पार्टी का नैतिक और चारित्रिक पतन हो चुका है. ऐसे में इन लोगों से कोई भी उम्मीद करना निरर्थक है .
                            आज समय की जरूरत है कि देश कि जनता में जागरूकता लाई जाए और सही मायने में आजादी को परिभाषित किया जाए.

तहकीकात


तहकीकात

 जहाँ पर वो निरन्तर भूख की फ सलें उगातें हैं,
 हमारे मुल्क में ऐसे कई लंबे अहाते हैं।

 जरूरत है कि तहकीकात हो ईमानदारी से,
 सभी अपराध कुछ न कुछ गवाही छोड़ जाते हैं।

 हमारे घर बदल डाले गये श्मशानों में यारों,
 जहाँ हम रोज मुर्दा हो चुके रिश्ते जलाते हैं।

 हुआ इतिहास का अनुवाद इतनी बेईमानी से,
 जहाँ वाजिब था मातम हम वहाँ खुशियाँ मानते हैं।

हमारी नींद के दुश्मन सवालों के जवाबों में,
हमारे पास सुबह दोगले अखबार आतें हैं।

इन्हें क्या आदमी गर आज भी सड़कों पे सोता है,
इन्हें कुछ मत कहो ये तो फ कत मंदिर बनाते हैं।
(विचित्रा गुप्ता की लिखी और मेरी पसंद की एक कविता)

आईए, शामिल हो जाईए हमारी तहकीकात टीम में




राज और समाज की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं की बिगड़ी हालत के लिए बहुत लोग जिम्मेदार हैं, परन्तु उन्हें हम जिम्मेदार ठहरा नहीं सकते, क्योंकि हमारे पास कोई सबूत नहीं है। और सबूतों के लिए जरूरी है हर मामले की, हर घटना की, हर विभाग की, हर अधिकारी या नेता की और हर उस व्यक्ति की तहकीकात की, जो समाज और देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तो आईए, हमारी टीम में शामिल होकर शुरू करें तहकीकात, और खोल डालिए पर्दे के पीछे की कहानी। जीतता वही है, जिसकी तहकीकात पक्की हो।
-सुमित्रा आर्य, सम्पादक, तहकीकात