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हमेशा देश-सेवा और जनसेवा की भावनाओं के वशीभूत होकर कार्य किया है। विभिन्न संस्थाओं और सरकारी बोर्डों, समितियों में रहकर भी जनहित के कामों पर ध्यान दिया है। हरकदम पर पाया है कि भ्रष्टाचार इस देश को भीतर ही भीतर खोखला करता जा रहा है। स्वार्थ के सामने राष्ट्रहित गौण होता जा रहा है। इस टसि को लेकर कलम की ताकत की कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में सन 2003 में कलम कला पाक्षिक अखबार का प्रकाशन आरम्भ किया, जो अनवरत चल रहा है। अब ब्लॉगिंग के जरिए देश भर के नेक और ईमानदार लोगों की टीम बनाकर भ्रष्टाचार मिटाना चाहती हूं।

Wednesday, April 27, 2011

भ्रष्ट तहसीलदारों को भेजा जाएगा अपने घर


जबरन सेवानिवृत्ति से मिटेंगे दाग

अजमेर। राजस्व मंडल उम्रदराज दागी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों से पीछा छुड़ाएगा। इसके लिए इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसकी कवायद शुरू हो गई है। मंडल अध्यक्ष मीनाक्षी हूजा के निर्देश पर राजस्व मंडल के वरिष्ठ सदस्य आनंद कुमार की अध्यक्षता में इंटरनल स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है। मंडल सदस्य जी. के. तिवाड़ी तथा मंडल निबंधक आलोक गुप्ता कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
मंडल अधिकारियों का कहना है कि कमेटी ऐसे तहसीलदारों के प्रकरण देखेगी जिनकी आयु 50 साल से अधिक हो तथा जांच व दंड के कई मामलों का सामना कर चुके हों। कमेटी ने विभागीय कर्मचारियों को तहसीलदारों के खिलाफ हुई जांच,  दिए गए दंड तथा एसीआर आदि का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
यह है स्थिति
राजस्व तहसीलदार के पद 251, उप पंजीयक 67, तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 155, कुल 473 पद हैं। जिलों में नायब तहसीलदार के पद 389 नायब तहसीलदार के अतिरिक्त विविध 51, कुल पद 440 हैं। तहसीलदारों के 125 पद रिक्त चल रहे हैं।
जांच के दायरे में
104 नायब तहसीलदार व तहसीलदार 16 सीसी के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसी तरह 23 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार 17 सीसी के आरोपों से घिरे हैं, जबकि 168 के खिलाफ  प्रारम्भिक व अन्य जांचें लम्बित हैं। करीब 295 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार जांच के दायरे में हैं जबकि कई निलम्बित चल रहे हैं। देखा जाए तो कुल 913 नायब तहसीलदार व  तहसीलदारों में से 125 पद रिक्त हैं। 788 नायब तहसीलदार व  तहसीलदार में 295 जांच के दायरे में हैं। देखा जाए तो 38 फीसदी से अधिक नायब तहसीलदार व तहसीलदार जांच का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से सम्बन्घित 50 मामले विचाराधीन हैं।
इन मामलों में जांच
मंडल को प्रतिमाह तहसीलदारों व नायब तहसीलदरों से जुड़ी करीब 15 से 20 शिकायतें मिलती हैं। इनमें अधिकतर तहसीलदारों पर पद के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार, भूमि का नामांतरण दूसरे के नाम करने, मंडल के फैसलों की पालना नहीं करने और विवाहित लड़कियों की बिना सहमति के भूमि भाइयों के पक्ष में करने या बेचान करने की स्वीकृति देने आदि की शिकायतें हैं।

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